Mukam Mela (Bishnoi समाज का तीर्थ)

बिश्नोई समाज में मुक्ति धाम मुकाम एक तीर्थ स्थल है, यहां पर वर्ष में हर अमावस को मेला भरता है तथा दूर-दूर से बिश्नोई जन मेले में आते हैं।

यह मिला मुकाम धाम में लगता है तथा पूरे भारत से बिश्नोई जान इस मेले में सम्मिलित होने मुक्ति धाम मुकाम आते हैं।

धाम मुकाम बिश्नोई समाज का महत्वपूर्ण मंदिर है जहां अमावस्या को मिलेगी दिन श्रद्धालु गुरु जांभोजी भगवान की दर्शन करने आते हैं।

मंदिर के भव्य परिसर में बनी विशाल पंडाल में धर्म सभा का आयोजन किया जाता है जिसमें समाज के गणमान्य लोग राजनेता समाजसेवी तथा अन्य विचारक अपने विचारों से समाज को लाभान्वित करते है।

मुख्य Mukam Mele

अमावस्या को भरने वाले मेलों में आसोज की अमावस्या तथा फाल्गुन की अमावस्या को भरने वाले मेले महत्वपूर्ण होते हैं।

मुख्य रूप से इन दोनों मेलों में लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं, महासभा द्वारा मेले की पूर्व संध्या में जम्भ-जागरण का आयोजन किया जाता है।

मेले वाले दिन सूर्योदय के बाद शब्दवाणी के साथ जांभाणी यज्ञ किया जाता है जिसमें दिन भर आने वाले श्रद्धालु जन आहूजा देखकर विश्व कल्याण की कामना करते हैं।

वर्ष 2023 में मुकाम मेला आसोतरा फाल्गुनी कि निम्न दिनांक को आयोजित होगा –

फाल्गुन मेला मुकाम 20‌ फरवरी, 2023 को आयोजित होगा –

संवत् 2079 फाल्गुन की अमावस्या
लगेगी- 19/02/ 2023 रविवार सांय 4ः18 बजे
उतरेगी- 20/2/2023 सोमवार दिन में 12ः35 बजे

आसोज मेला मुकाम 14 अक्टूबर, 2023 को आयोजित होगा –

वि. संवत् 2080 आसोज की अमावस्या
लगेगीः- 13/10/2023 शुक्रवार रात्रि 9ः51 बजे
उतरेगीः- 14/10/2023 शनिवार रात्रि 11ः25 बजे

अन्य अमावस्या मेले तथा दिनांक

फाल्गुन तथा आसोज के मेले के अलावा हर अमावस्या को मुक्ति धाम मुकाम में मेला भरता है, यहां पर श्रद्धालु हर अमावस को मेले में भाग लेने तथा गुरु जांभोजी के दर्शन करने मुक्तिधाम मुकाम जाते हैं।

मुक्ति धाम मुकाम में हर अमावस्या को मेला भरता है आप बिश्नोई कैलेंडर के अनुसार अमावस्या की तिथि देखने के लिए यहां क्लिक करें –

👉 बिश्नोई कैलेंडर के अनुसार अमावस्या तिथि

मुक्ति धाम मुकाम

बिश्नोई समाज में मुक्तिधाम मुकाम समाज का मुख्य मंदिर है, मुक्तिधाम मुकाम के पास ही समराथल धोरा है जहां गुरु जांभोजी ने बैठकर तपस्या की थी तथा बिश्नोई पंथ की स्थापना भी समराथल धोरा से ही की थी, समराथल धोरा पर बैठकर ही गुरु जांभोजी नहीं सभी लोगों को 29 नियम की दीक्षा देकर बिश्नोई बनाया था।

मुकाम धाम मेले के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं तथा मेले में उपस्थित होते हैं मुक्ति धाम मुकाम दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं तथा भक्तजनों के लिए रहने की उचित व्यवस्था तथा हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध है।

मुक्ति धाम मुकाम में जब भी मेला भरता है, तब वहां बहुत अधिक मात्रा में श्रद्धालु एकत्रित हो जाते हैं और मुकाम में मेले का दृश्य बहुत ही अद्भुत एवं देखने लायक होता है।

हमें यहां पर मुक्ति धाम मुकाम में पिछले वर्ष के मेले की वीडियो को जोड़ा है आप इस वीडियो को देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि मुक्तिधाम मुकाम में कितना भव्य रूप से मेला आयोजित होता है तथा किस प्रकार श्रद्धालु अपने इष्ट गुरु जांभोजी के दर्शन करने आते हैं।

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