Bishnoi Samaj Ke Sanskar (पूरी जानकारी)

Bishnoi Samaj Ke Sanskar 

यहाँ आप बिश्नोई समाज के संस्कार (Bishnoi Samaj Ke Sanskar) के बारे में जानेगे।

किसी भी मनुष्य के जन्म से मृत्यु तक बिश्नोई समाज में 4 संस्कार बताए गए हैं तथा इन 4 संस्कारों को मानव जीवन में पूर्ण करना होता है।

यह चार संस्कार बिश्नोई समाज के अनुसार किसी भी मनुष्य के जीवन को संपूर्ण बनाते हैं।

जिस प्रकार बिश्नोई समाज में 29 नियम को मानना होता है उसी प्रकार किसी भी मनुष्य के जन्म पर जन्म संस्कार तथा 11 से 15 वर्ष की आयु सुगरा संस्कार एवं इसी प्रकार विवाह के समय विवाह संस्कार और मृत्यु के पश्चात मृत्यु संस्कार होता है।

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जिस प्रकार सनातन धर्म में 16 संस्कार होते हैं उसी प्रकार बिश्नोई पंथ में 4 संस्कार बताए गए हैं जो सनातन धर्म के समान है, सनातन धर्म में ही एक पंथ बिश्नोई पंथ है।

Bishnoi Samaj Ke Sanskar 

गुरु जांभोजी ने जब बिश्नोई पंथ की स्थापना की तब सनातन धर्म की तरह बिश्नोई पंथ में भी संस्कार व्यवस्था बनाई।

गुरु जांभोजी ने बिश्नोई पंथ में 4 संस्कार की मान्यता बताइ, तथा इन 4 संस्कारों को मानव जीवन में धारण करने को कहा।

  • जन्म संस्कार
  • सुगरा संस्कार
  • विवाह संस्कार
  • मृत्यु संस्कार

Conclusion

यहां पर हमने बिश्नोई पंथ के 4 संस्कार के बारे में जाना और इस पर विस्तार से चर्चा की, हमने यहां पर जाना कि बिश्नोई पंथ के चार संस्कार कौन से हैं तथा इन 4 संस्कारों का पालन किस प्रकार होता है।

जिस प्रकार सनातन धर्म में 16 संस्कार है उसी प्रकार गुरु जांभोजी द्वारा बिश्नोई पंथ के लिए 4 संस्कार बताए गए हैं।

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Bishnoi 29 Rules